अंजोर.रायपुर। शिक्षा एक आजीवन यात्रा हावय अउ सीखे के प्रक्रिया कभू नइ रुकनी चाही। पढ़ईया मन म नवाचार, रचनात्मकता अउ आजीवन सीखे के भावना होना चाही। पढ़ईयाअपन कौशल के सरलग बढ़ाने, अपन क्षितिज के बड़का बनाये अउ अपन संबंधित क्षेत्र म नवीनतम प्रगति ले आरो रेहे के मउका के तलाश करें। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ह आज आई.टी.एम. विश्वविद्यालय रायपुर के दीक्षांत समारोह म ये उद्गार व्यक्त करे।
आई.टी.एम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह म सामिल होइस राज्यपाल
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम म आयोजित आई.टी.एम. विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह म पढ़ईया मन के 13 गोल्ड मेडल सहित 377 उपाधि बांटिस। केन्द्रीय भंडार के सीईओ अउ एमडी मुकेश कुमार, आई.टी.एम के प्रोफेसर आर.एस.एस मनी अउ कर्नाटक संगीत विशेषज्ञ श्रीमती जी. शारदा सुब्रमण्यम के विश्वविद्यालय के मानद उपाधि दे गिसा।
ए मउका म छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के चेयरमेन डॉ. उमेश कुमार मिश्रा, विश्वविद्यालय के डायरेक्टर जनरल सुश्री लक्ष्मी मूर्ति, विश्वविद्यालय के आन प्रोफेसर, फैकल्टी मेंबर, पढ़ईयाअउ उंकर पालकगण उपस्थित रिहिस।
सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।