छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन 2023 |
अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डहर ले प्रदेस कला, संस्कृति अउ साहित्य के सरेखा करे खातिर जबर उदीम करे जावथे। इही ओढ़र म प्रदेस के मुखिया दाऊ भूपेश बघेल के मंशा मुताबिक संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत अउ विभाग के बड़का अधिकारी विवेक आचार्य उक मनके दिशा-निर्देश म छत्तीसगढ़ राजभासा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी के सियानी म छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन 2023 के आयोजन करे जावथे।
छत्तीसगढ राज्य स्तरीय युवा महोत्सव 2023 के आयोजन म ऐसो पहिली पइत छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन के तको आयोजन करे गे हावय। 28 ले 30 जनवरी तक शासकीय नागार्जुन साइंस कॉलेज रायपुर आयोजित सम्मेलन के पहिली दिन लोक साहित्य म उन्न्यन म युवा मनके भूमिका ऊपर गोठबात करे गिस। ये मउका म सुजानी साहित्यकार डॉ पीसीलाल यादव, श्रीमती सरला शर्मा, डॉ. अनिल भतपहरी, चंद्रशेखर चकोर अउ रामेश्वर वैष्णव मन अपन विचार रखिन। सत्र के अध्यक्षता डॉ. चितरंजन कर अउ संचालन डॉ. सुधीर शर्मा करिस।
कार्यकम म अपन बात रखत बड़का गीतकार रामेश्वर वैष्णव जी मन किहिन के हमर इहां कोस-कोस म भाखा बदले हावय फेर येमा एकरूपता के जरूरत हाबे। छत्तीसगढ़ी ल आठवीं अनुसूची म, पोठ व्याकरण ह येला काम-काम के भाखा बनाये खातिर ये घोतेच जरूरी हावय। आगू कार्यकम साहित्यकार डॉ. पीसी लाल यादव ह किहिन के लोक साहित्य ल जेन हमर सियान मन सिरजाये हाबे ओला संजोय के बुता तको सरलग करे जावथे, अउ ये साहित्य ल सियान मन जब लिखिस त ओमन युवा रिहिस ये सेती उंकर योगदान ल बिसराये नइ जा सके। डॉ. पीसी लाल यादव मन अपन गोठबात म लोक साहित्य के गद्य विधा ल सजोर करत केऊ झिन साहित्यकार मनके नाम के उल्लेख करिन जेकर कृति ह प्रकाशित होए हाबे, जेन बहुत बड़े काम होए हाबे।
कार्यक्रम म आगू राजभाषा आयोग सचिव अउ बड़का साहित्यकार डॉ. अनिल भतहपरी ह किहिन के युवा मन आज के जेन पंथी ल देखथे ओमा नृत्य के प्रधानता हावय जबकि येला गाये के मरम आन हावय। पंथी आज भले वैश्विक स्तर नाव बगराये हावय फेर बाबा गुरू घासीदास जी के जेन संदेश के बात होथे वो पंथी म गीत/गायकी के प्रधानता रिथे। मंगल भजन अउ चौका आरती के अपन अलगेच महत्ता हावय। डॉ. भतपहरी जी ह पंथी के आने-आने प्रकार के बारे म बतावत किहिन के आज ये विधा ल दुनिया म सबसे तेज गति ले प्रदर्शन करे गौरव मिले हावय यहू हमर छत्तीसगढ़ बर सहराये लइक हावय।
ये मउका म आगू छत्तीसगढ़ी पारंपरिक लोकखेल के उन्नायक चंद्रशेखर चकोर ह लोक साहित्य म खेल विधा के ऊपर जेन बुता ओमन करे हावय ओमा आज प्रदेस के मुखिया दाऊ भूपेश बघेल ह छत्तीसगिढ़या ओलंपिक उरका डरिस। ये सबो लोक म बगरे जिनिस के सकला करे ले ही संभव होइस। खेल मनला सकेलना ओकर नियमावली बनाना अउ प्रतियोगिता करना ह वाचिक ले लिखित रूप म आये के बादे संभव हो पाइस। ओमन प्रकाशन म छत्तीसगढ़ी के गोठ ल ओरियवत तइहा ले अब तक लिखइया मनला सुरता करत किहिन के समे के संग लोक साहित्य के सरेखा करे के संग ओमा परिमार्जन तको होए हाबे, समें के संग जेन ल स्वीकारे जाए ले साहित्य ह अऊ पोठ होही।
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