छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन 2023 : छत्तीसगढ़ी उपन्यासकार परमानंद वर्मा के कृति ‘गोंदा’, सुधा वर्मा के ‘इंद्रावती के धार’ अउ सरगुजिया म दीपलता देशमुख के बाल कहनी के होइस विमोचन

अंजोर
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छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन 2023 : छत्तीसगढ़ी उपन्यासकार परमानंद वर्मा के कृति ‘गोंदा’, सुधा वर्मा के ‘इंद्रावती के धार’ अउ सरगुजिया म दीपलता देशमुख के बाल कहनी के होइस विमोचन
छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन 2023

अंजोर.रायपुर। राज्य स्तरीय युवा महोत्सव म लोक साहित्य सम्मेलन के तीसरइया अउ आखरी दिन कहानी अउ कविता पाठ के आयोजन करे गिस। पहिली सत्र के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार परदेशी राम वर्मा अउ दूसरइया सत्र के अध्यक्षता रामेश्वर वैष्णव ह करिस। ये मउका म प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लेखक परमानंद वर्मा के छत्तीसगढ़ी उपन्यास ‘गोंदा’ के विमोचन करे गिस। जानबा होवय के परमानंद वर्मा छत्तीसगढ़ी के बड़का कलमकार आए ओमन पत्रकारिता करत दैनिक देशबंधु म छत्तीसगढ़ी अंक मड़ई के शुरूआत करे रिहिस। जेन आजो नवा-जुन्ना सबो कलमकार मनला मउका देवत हावय। परमानंद वर्मा के प्रमुख कृति म पुतरी-पुतरा के बिहाव, तोर सुरता, करौंदा, गजरा आदि के प्रकाशित होगे हावय।

ये जलसा म आगू छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती सुधा वर्मा के कथा संग्रह ‘इंद्रावती के धार’ के विमोचन करे गिस। जानब होवय के श्रीमती सुधा वर्मा के संपादन म आजो मड़ई अंक प्रकाशित होवत हाबे। ओमन के कोख में बसेरा, तरिया के आंसू, दुलारी, चुरकी भुरकी, धनबाहर के छांव, गोदना के गोठ, बरवट के गोठ सहित दू दर्जन ले आगर किताब प्रकाशित हो चुके हावय। संग म सरगुजिया भाषा म दीपलता देशमुख के बाल कहनी के तको विमोचन करे गिस।

कार्यक्रम म आगू कहानी पाठ के होइस जेन म राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी ह तको अपन संस्मरण सुनाइस। महासमुंद के बंधु राजेश्वर खरे ह अपन कहानी म शीर्षक ’माटी के आसरा’ के वाचन करिन। ये कहानी दारू-जुआ सामाजिक बुराई अउ ओकर ले पड़ेत प्रभाव म केंद्रित रिहिस। इही रकम ले बलौदाबाजार-भाटापारा के चोवाराम बादल के कहानी ’खिलौना’ म परिवार अउ समाज म दिव्यांगता के सेवा के मउका समझकर दिव्यांग मन के प्रति व्यवहार करे के संदेश दीस। कोरबा के मंगत रवीन्द्र के कहानी जुबान के कीमत म सौदा के वादा निभाये अउ वोमा अडिग रेहे के बात म केंद्रित रिहिस। इही रकम ले जांजगीर-चांपा के रामनाथ साहू के कहानी प्रतिशोध म आवेश के अपेक्षा शांति म ही सब के भलाई के संदेश दीस। नगरी के डॉ. शैल चंद्रा के ’अगोरा’ कहानी म सैन्य परिवार के आत्मीय संबंध के रेखांकित करे गिस। बस्तर के विक्रम कुमार सोनी ह हल्बी कहानी म इंद्रावती नदी के महत्ता अउ मानव सभ्यता के विकास म नदी के योगदान के उल्लेख करे करिस।

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