अंजोर.रायपुर। एआरटी (Assisted Reproductive Technology) अउ सरोगेसी (Surrogacy) के जरिए दंपत्ति के संतान सुख देवइया संस्था मन के प्रदेस म अनुपालन नियम के तहत पंजीकृत करे जात हावय। एआरटी अउ सरोगेसी के बुता करइया स्वास्थ्य संस्था पंजीकरण कराये के खातिर नेशनल रजिस्ट्री पोर्टल एआरटी एंड सरोगेसी म ऑनलाइन आवेदन करत सकत हावयं।
एआरटी एंड सरोगेसी-सह-पीसीपीएनडीटी (PC-PNDT Act) के समिलहा संचालक डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ह बताइन के एआरटी एंड सरोगेसी पोर्टल म मिले आवेदन म राज्य अउ जिला स्तरीय टीम डहर ले निरीक्षण करे जात हावय। एक्ट के मापदण्ड के मुताबिक आवेदन योग्य पाए जाये म राज्य स्तर के समुचित प्राधिकारी-सह-स्वास्थ्य संचालक डहर ले पंजीयन के कार्यवाही करे जात हावय। बिना पंजीयन के बुता करत संस्था मनला एक्ट उल्लंघन के दोषी पाए जाये के स्थिति म नियम के मुताबिक कार्यवाही करे जाही। ए रकम ले कार्यवाही ले बांचे अइसे सबो संस्था मन जेन बिना पंजीयन आवेदन के कार्यरत हावयं, वो सबो https://artsurrogacy.gov.in/NationalArtSurrogacy/faces/HomePage.xhtml म ऑनलाइन आवेदन करके अपन पंजीयन करवाना सुनिश्चित करें।
डॉ. श्रीवास्तव ह बताइन के आवेदन करइया सबो संस्था मन ला नर्सिंग होम एक्ट अउ पीसीपीएनडीटी एक्ट म पंजीकृत होना अनिवार्य हावय। ओमन बताइन के 15 दिसम्बर 2022 के बाद एआरटी एंड सरोगेसी पोर्टल म आवेदित संस्था मन के अकताहा बिना आवेदित या पंजीकृत सेरोगेसी के बुता करइया संस्था मन के तुरते बंद कराइन अउ नियम के मुताबिक सजा या दंडात्मक कार्यवाही करे जाही।
सरोगेसी एक्ट
सरोगेसी एक्ट के तहत सबो आईवीएफ सेंटर ल एक कानूनी प्रक्रिया म बांधा गे हावय ताकि वो एथिकल प्रेक्टिस कर सकें। एक्ट म प्रावधान हावय के अइसे इनफर्टिलिटी कपल जेकर इलाज प्रक्रियाधीन हावयं उंकर इंश्योरेंस कवर होना चाही जेकर ले डोनर अउ सरोगेट्स के सुरक्षा सुनिश्चित करे जात सके। एक्ट म गेमिट्ज के मिक्सिंग अउ एक कपल के गेमिट्ज अउ डोनर्स के आन कपल के यूज के खातिर प्रयोग करना प्रतिबंधित हावय। एक्ट म नियम अउ विनियम के तहत काम नइ करइया सेंटर के विरूद्ध अर्थदंड लगाये के प्रावधान तको करे गे हावय।


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