अंजोर.रायपुर। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड डहर ले हाट परिसर, पंडरी म देवारी के उपलक्ष्य म दस दिवसीय हस्तशिल्प अउ हाथकरघा कपड़ा के भव्य प्रदर्शनी-सह-विक्रय के आयोजन करे जात हावय। ए तिहार के सीजन म ये प्रदर्शनी राजधानीवासी मनके आकर्षण के केंद्र रइही। ए प्रदर्शनी के मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्पकार अउ बुनकर के बढि़या बाजार उपलब्ध कराना हावय।
21 अक्टूबर तक चले वाला ए प्रदर्शनी म छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प ढोकरा शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शीसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प अउ छोद कांसा के 35 शिल्पकार अउ हाथकरघा वस्त्र म कोसा के साड़ी, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट अउ आने-आने रकम ले के रेडीमेड वस्त्र के संग 25 बुनकर समिति सहभागी होही। इही रकम ले माटी शिल्प के आने-आने सजावटी वस्तु, उपयोगी सामान के संग 10 माटीकला शिल्पकार, खादी बोर्ड के 2 अउ बिलासा के 1 हितग्राही अपन जिनिस के संग अपन कला के प्रदर्शन-सह-विक्रय कर सकही। दस दिवसीय हस्तशिल्प अउ हाथकरघा प्रदर्शनी म गिराहिक ल उंकर पसंद के मुताबिक गृह-उपयोगी अउ साज-सजावट के सामान उचित दाम म उपलब्ध रइही।


सबो पाठक ल जोहार..,
हमर बेवसाइट म ठेठ छत्तीसगढ़ी के बजाए रइपुरिहा भासा के उपयोग करे हाबन, जेकर ल आन मन तको हमर भाखा ल आसानी ले समझ सके...
छत्तीसगढ़ी म समाचार परोसे के ये उदीम कइसे लागिस, अपन बिचार जरूर लिखव।
महतारी भाखा के सम्मान म- पढ़बो, लिखबो, बोलबो अउ बगराबोन छत्तीसगढ़ी।