अंजोर.रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन म छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेसवासी ल रोजगार, स्व-रोजगार के जादा ले जादा मउका उपलब्ध कराये के दिशा म सरलग बुता करत हावय, सरकार न केवल रोजगारमूलक योजना संचालित करत हावयं बल्कि ये योजना मन के जमीनी स्तर म प्रभावी ढंग ले लागू तको करत हावय। इही सेती हावय के छत्तीसगढ़ अब देश के उन राज्य म ले एक हावय जिहां न केवल अर्थव्यवस्था तेजी ले बढ़ज हावय बल्कि स्थानीय रोजगार के मउका बढ़ाये के खातिर सरलग बुता होत हावयं। इही म ले एक ग्रामोद्योग के रेशम प्रभाग डहर ले संचालित टसर कृमि पालन योजना तको ग्रामीण क्षेत्र म आजीविका के जरूरी माध्यम बनके उभरे हावय, कोरिया जिला म साल 2022-23 म 9 हजार एक सौ 78 रोजगार मानव दिन ले एक सौ 47 हितग्राही मन के रोजगार के लाभ मिले हावय।
जानबा होवय के प्रदेस के सबो जिला म अउ जिला ले जुड़े सुदूर वनांचल अउ दुर्गम क्षेत्र के गांव वाला के शासन के आने-आने योजना मन के माध्यम ले सामाजिक अउ आर्थिक स्थिति मजबूत करे के उद्देश्य ले आजीविका गतिविधी ले जोड़े जात हावय। कोरिया जिला म अभी के बेरा म तीन प्रजाति शहतूत (मलबरी) टसर (डाबा), नैसर्गिक रैली कोसा कीटपालन के बुता करे जात हावय, ये रेशम केन्द्र ले जुड़के कई समूह रेशम कीटपालन के बुता करके अच्छा आमदनी कमात हावयं।
बैकुण्ठपुर के गांव उरूमदुगा के रेशम कृमिपालन समूह समिति के सदस्य कुमार सिंह ए बारे म बतात हावयं के रेशम विभाग ले प्रशिक्षण पाये के बाद इहां रेशम कीटपालन के बुता करत हावं, समूह ह पहिली फसल म ए साल एक हजार डिम्ब समूह पालन करके 95 हजार 200 नग कोसाफल मिलिस, जेकर अनुमानित रकम 2 लाख 9 हजार 440 रूपिया हावय। कुमार सिंह ह बताइन के दूसरी फसल म तको एक हजार डिम्ब समूह पालन के बुता अभी करे जात हावय, समूह के सबो लोगन ए बुता के मन लगाके करत हावयं, ओमन बताइन के समूह के उद्देश्य हावय के आगू उत्पादन अउ बढ़ाये जाए।


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