लइका ल कुपोषण अउ निमोनिया ले बचाही ममता के आंच : वनांचल क्षेत्र के 15 हजार लइका ल कम्बल केयर

अंजोर
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अंजोर.नारायणपुर, 9 जून 2021। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशानिर्देश म जंगल क्षेत्र म शिशु अउ छोटे लइका ल कुपोषण अउ निमोनिया ले बचाये खातिर आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम ले गर्भवती अउ शिशुवती महतारी मन ल कंबल बांटे जात हावयं। छत्तीसगढ़ ले कुपोषण मुक्ति के संकल्प ल आगू बढ़ाये के खातिर कई स्तर म काम करे जात हावयं। वनांचल अउ आदिवासी क्षेत्र म लइका म जादा कुपोषण दर ल देखत ये क्षेत्र म विशेष अभियान चलाके कुपोषण दूरिहा करे के सरलग प्रयास करे जात हावय। इही कड़ी म नारायणपुर जिला के सबो 556 आंगनबाड़ी केन्द्र म जून महीना के पहिली सप्ताह म कार्यकर्ता मन डहर ले आंगनबाड़ी आने वाला 0-6 साल के सबो लइका ल 15 हजार कम्बल के वितरण करे जात हावय। येकर संग ही लइका के समुचित विकास अउ ठंड ले बचाव के खातिर पालक ल कंगारू मदर केयर के भी जानकारी दे जात हावय। 

मिले आरो के मुताबिक बरसात के पहिली कम्बल पाके लइका अउ उंकर अभिभावक बहुत खुश हावयं। पालक ह छत्तीसगढ़ सरकार के आभार जतात अपन खुशी जाहिर करे हावय। वनांचल के भौगोलिक अउ सामाजिक परिस्थिति ल देखत वित्तीय साल 2020-21 म जिला प्रशासन डहर ले मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान ले कुपोषित लइका अउ शिशुवती अउ गर्भवती महिला मन सहित कमजोर अउ एनीमिक महिला मन ल पौष्टिक भोजन दे के संग आंगनबाड़ी केन्द्र म आने वाला 0-6 साल के सबो 15 हजार लइका ल कम्बल दे के फइसला ले गिस। येकर खातिर जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) ले 71 लाख रूपिया के बेवस्था करे गिस अउ खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के वित्तपोषित संस्था डहर ले कम्बल उपलब्ध कराए गिस।

जानबा होवय के 2007 म बस्तर जिला ले अलग होके बने नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिला दंडकारण्य जंगल क्षेत्र के हिस्सा हावयै। घना जंगल अउ नदिया ले घिरे ए क्षेत्र म गोंड, हल्बी, मारिया, मुरिया जइसे कई जनजाति निवास करत हावयं। जून के पहिली सप्ताह ले शुरू होके शीत ऋतु के अंत तक इहाँ काफी ठण्ड पड़थे। जादा ठण्ड के सेती ले ज्यादातर लइका ए बखत म सर्दी जुकाम जइसे मौसमी बीमारी ले ग्रसित रहिथे। ठण्ड के लम्बा बखत के सामना आदिवासी समुदाय अंगीठी या अलाव जलाके करथे। येमा ले निकले वाला धुंआ भी लइका अउ महिला मन के स्वास्थ्य ल जादा प्रभावित करथे। 

ए बखत भोजन ले मिलइया ऊर्जा शारीरिक विकास के बजाय शरीर ल गर्म रखे म नष्ट हो जाथे। ये परिस्थिति म लइका कुपोषण अउ निमोनिया के शिकार हो जात हावयं। अवइया बरसात अउ ठंड के पहिली लइका ल कम्बल वितरण के पहल ले लइका म निमोनिया, कुपोषण अउ ओकर ले होवइया मृत्यु दर म कमी आही।

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