उतेरा फसल खातिर किसान मनला कृषि वैज्ञानिक के सलाह, खेत म नइ जलाना हाबे पैरा, हावय दण्ड के प्रावधान

अंजोर
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अंजोर.महासमुंद,21। छत्तीसगढ़ म एसो खरीफ फसल बर बने पानी गिरे हाबे, अउ धान के फसल पकने वाला हाबे। आगू अवइया 20 दिन बाद किसान खेत ले पानी निकासी करके पाके धान के कटाई करही। फेर जेन मन रबी फसल लेते ओमन खेते म पैरा जला देथे। जेकर ले माटी के नमी खतम हो जथे अउ फसल उत्पादन म सहायक जीवाणु नष्ट हो जथे। 

एजेंसी ले मिले समाचार के मुताबिक फसल के अवशेष जलाना माननीय राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण नई दिल्ली कोति ले अपराध माने गे हावय जेमा दण्ड के प्रावधान करे गे हावय। 2 एकड़ ले कम म एक बार फसल जलाये म 2500 रुपिया अउ 2 ले 5 एकड़ म एक समय म फसल अवशेष जलाये म 5000 रूपिया अउ 5 एकड़ ले जादा म 15000 रूपिया के जुर्माना के प्रावधान हावय।

कृषि विभाग के उपसंचालक एस.आर. डोंगरे के मुताबिक किसान फसल के अवशेष ल जुताई (रोटावेटर) करके पानी, डिकम्पोजर या ट्राईकोडर्मा डारके खातू म बदल सकत हाबे। अउ खेत के नमी के उपयोग करत उतेरा फसल लेके अतिरिक्त आय तको पा सकथे। किसान भाई रबी फसल म सरसो, अलसी, तिवरा के फसल विशेष तौर म ले सकथे। किसान मनला अनुदान म बीजहा उपलब्ध कराये जाही, उतेरा फसल लेवइया किसान बीजहा खातिर ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम ले वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ले आरो करा सकत हाबे।

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