जशपुर नगर म तइयार होवत हाबे पुरातत्व संग्रहालय, जनजातिय पुरातात्विक धरोहर के होही संरक्षण

अंजोर
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जशपुर.27। तइहा के सुरता ल अब अम्मर राखे खातिर बड़ जतन ले जशपुर नगर म तको पुरातत्व संग्रहालय बनत हावय। मिले आरो के मुताबिक संग्रहालय के काम लगभग पुरा होवइया हाबे। भवन म फर्नीचर अउ फ्रेमिंग के बुता के साथ सुंदर कलात्मेक रंगरोगन होवत हाबे। दीवार म लोक चित्रकारी के अद्भुत कलाकारी दिखत हावय। 
जानबा होवय के जिला म पर्यटन ल बढ़ावा दे खातिर पुरातत्व संग्रहालय के निर्माण कराये जावत हाबे तेकर पाछु दिन जिला के बड़का अधिकारी मन दौरा तको करे रिहिन हाबे। जशपुर नगर के संग्रहालय पाषाणकालीन, लौहकालीन पुरातात्विक जिनिस के अलावा अऊ आन पुरातात्विक महत्व के सामान ल अलग-अलग गैलरी म उंकर बारे जानकारी के साथ समोखे जाही।

संग्रहालय म 13 जनजाति बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, असुर, उरांव, नगेशिया, कंवर, गोंड, खैरवार, मुण्डा, खड़िया, भूईहर, अघरिया आदि के जुन्ना चीज ल संग्रहित करके रखे जाही। मृदभांड, कोरवा जनजाति के ढेकी, आभूषण, तीर-धनुष, चेरी, तवा, डोटी, हरका उक ल तको रखे जाही। अनुसूचित जनजाति मनके सिंगार के सामान चंदवा, माला, ठोसामाला, करंजफूल, हसली, बहुटा, पैरी, बेराहाथ ल संरक्षित करके रखे जाही। अऊ चिमटा, झटिया, चूना-गझुआ, खड़रू, धान-बेंध, नमक-बटला अउ खटंनशी नगेड़ा, प्राचीन उपकरण ब्लेड, स्क्रेपर, पाईट, सेल्ट, रिंगस्टोन,1835 ले 1940 के भारतीय सिक्का के बड़का संग्रह जशपुर संग्रहालय म धरनाहा रइही।


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