न्यायिक इतिहास म पहिली पइत होही 11 जुलाई के राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत
बिलासपुर.10। राज्य स्तरीय ई-लोक अदालत के आयोजन 11 जुलाई के होवइया हाबे। अइसन देश के न्यायिक इतिहास म पहली पइत होवत हाबे जब लोक अदालत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम ले होही, जेमा पक्षकार अउ वकील ल न्यायालय आए के जरूरत नइ परय। घरे म बैठे पक्षकार मनके बीच आपसी सहमति ले प्रकरण निराकृत होही।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत मिश्रा ह ई-लोक अदालत के संबंध म विस्तृत जानकारी देवत बताये हाबे के छत्तीसगढ़ म 11 जुलाई के आयोजित ई-लोक अदालत म हाईकोर्ट सहित प्रदेश भर के जिला मनके 200 से अधिक खंडपीठ म 3 हजार ले ज्यादा मामला के सुनवाई होही। ई-लोक अदालत के शुभारंभ सुबह 10.30 बजे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वीडियो कान्फ्रेंसिंग रूम म मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पी.आर. रामचन्द्र मेनन करही। ये कार्यक्रम के लाईव स्ट्रीमिंग भी करे जाही।
जस्टिस मिश्रा के बताये मुताबिक समझौता योग्य प्रकरण, पारिवारिक मामला, मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण आदि धन संबंधी मामला प्रायः लोक अदालत के माध्यम ले निराकृत हो जाथे। कोरोना संक्रमण के चलत जब लोगन आर्थिक संकट ले जूझत हाबे अइसन म मामला के निराकरण खातिर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट अउ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ह ई-लोक अदालत लगाये के निर्णय ले हावय। ई-लोक अदालत उच्च न्यायालय के साथ सबो जिला न्यायालय अउ तहसील न्यायालय म तको आयोजित करे जावत हावय।
पक्षकार कोति ले ई-लोक अदालत के माध्यम ले समझौता खातिर जब फार्म भरिन उही बखत ओमन ल लिंक मिलगे रिहिसे। ई-लोक अदालत म पक्षकार अउ वकील अपन-अपन घर म बइठे लिंक के माध्यम ले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट ले जुड़ सकही। पक्षकार अउ वकील मनला वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम ले यदि जुड़े म दिक्कत होही तव ओमन व्हाट्सअप वीडियो कॉल करके अपन पक्ष रख सकही। कोरोना संक्रमण के कारण देश भर म न्यायिक कामकाज प्रभावित होए हाबे। वकील अउ पक्षकार के आर्थिक स्थिति खराब हावय। ई-लोक अदालत ले ओमन ल राहत मिलही। पूरा देश म ई-लोक अदालत ल लेके उत्सुकता हावय। अऊ ये प्रयोग सफल होही तव आगे तको येला जारी राखे जाही।
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जोहार पहुना, मया राखे रहिबे...